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Showing posts from 2018

मां हैं तो सब कुछ है।

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कल मदर्स डे है इसलिए आज की मेरी पोस्ट सारी मम्मीयो के नाम है ।वैसे तो मां के बारे में क्या लिखें  लिखने को तो बहुत कुछ है  लेकिन मां की ममता, अनकंडीशनल लव ,डेडिकेशन,सैक्रिफाइस इन सब के आगे तो शायद शब्द बने ही नहीं है। इसीलिए तो मां को शब्दों में बयां कर पाना बहुत मुश्किल है और लिखने बैठे तो एक बुक भी कम पड़ जाए।ये  मम्मीया होती ही ऐसी है अपनी रातों की नींद दिन का चैन खत्म कर, अपने बच्चों को बड़ा करती है बच्चा बीमार हो तो ना दिन देखती है ना रात बस शुरू हो जाती है देखभाल करने। पता नहीं यह हुनर मा कहां से लाती है।ठीक से सो नहीं पाती लेकिन घर के किसी भी काम में कभी भी कमी नहीं रखती हर सदस्य का वैसे ही ध्यान रखती है जैसे हमेशा रखती आई है। यू ही नही नारी को त्याग की मूरत कहां गया है। कुछ माए तो जॉब करने के साथ-साथ घर के सारे काम और बच्चों दोनों को देखती  है।इतना सब कैसे करती है इनके पास ना तो कोई अलादीन का चिराग होता है, ना ही कोई जीनी लेकिन फिर भी मां तो मां होती है ना जाने कितनी थकान के बाद भी यह अपने बच्चों के साथ खेलने का ,उन्हें पढ़ाने का ,और खाना खिलाने का समय भ...

मां हैं तो सब कुछ है।

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कल मदर्स डे है इसलिए आज की मेरी पोस्ट सारी मम्मीयो के नाम है ।वैसे तो मां के बारे में क्या लिखें  लिखने को तो बहुत कुछ है  लेकिन मां की ममता, अनकंडीशनल लव ,डेडिकेशन,सैक्रिफाइस इन सब के आगे तो शायद शब्द बने ही नहीं है। इसीलिए तो मां को शब्दों में बयां कर पाना बहुत मुश्किल है और लिखने बैठे तो एक बुक भी कम पड़ जाए।ये  मम्मीया होती ही ऐसी है अपनी रातों की नींद दिन का चैन खत्म कर, अपने बच्चों को बड़ा करती है बच्चा बीमार हो तो ना दिन देखती है ना रात बस शुरू हो जाती है देखभाल करने। पता नहीं यह हुनर मा कहां से लाती है।ठीक से सो नहीं पाती लेकिन घर के किसी भी काम में कभी भी कमी नहीं रखती हर सदस्य का वैसे ही ध्यान रखती है जैसे हमेशा रखती आई है। यू ही नही नारी को त्याग की मूरत कहां गया है। कुछ माए तो जॉब करने के साथ-साथ घर के सारे काम और बच्चों दोनों को देखती  है।इतना सब कैसे करती है इनके पास ना तो कोई अलादीन का चिराग होता है, ना ही कोई जीनी लेकिन फिर भी मां तो मां होती है ना जाने कितनी थकान के बाद भी यह अपने बच्चों के साथ खेलने का ,उन्हें पढ़ाने का ,और खाना खिलाने का समय भ...

Difference between old songs and new songs.

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आपने कई बड़े लोगों को कहते सुना होगा कि पुराने गानो की तुलना नए आज के जमाने के गाने नहीं कर सकते। आज के गानों में वह लिहाज , शर्म ,हया नहीं दिखाई देती। आजकल के गाने सुन कर तो कुछ  ऐसा ही लगता है  जैसे कि वो लोग गलत नहीं थे।कुछ हद तक वह सही थे। बात सभी गानों की नहीं हो रही है आज भी लाखों गाने ऐसे हैं जो कि लोगों के दिलों पर राज करते हैं लोगों के दिलों को छू रहे हैं।लेकिन आज रीमिक्स के दौर में लिरिक्स राइटर भी ऐसे गाने लिखते हैं कि बता नहीं सकते। ये जो रैपर होते है इन लोगो ने तो अपने गानो में दारू, व्हिस्की और न जाने क्या क्या लिखने का ट्रेंड बना लिया है । ऐसा लगता है मानो सब में होड़ लगी हो कि कौन अपने गाने में सबसे ज्यादा दारू व्हिस्की और  गंदे वर्ड्स ऐड करता है । हद तो तब हो गई जब इस होड़ मे बच्चों की लोरी भी पीछे नहीं रही।अभी कुछ दिनों पहले एक गाना आया है आपने सुना होगा "लल्ला लल्ला लोरी दारू की कटोरी" लाला लाला लाला लोरीओ  केंदी मम्मी शाम को जल्दी आजा ना  रोटी-शॉटी खा के सो जाना  नींद नहीं आये तो सुन ले  लल्ला लल्ला लोरी  अब मैं छोट...

Step by step paper rose making.

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आज हम कागज का गुलाब बना रहे हैं।  इसके लिए हमें चाहिए----  दो कलर क्राफ्ट पेपर  पेंसिल  कैंची  गम  सबसे पहले हम रेड कलर के क्राफ्ट पेपर पर जैसा की फोटो   में दिखाया गया है इस तरह से गोले बना लेंगे।  फोटो में दिखाए गए तरीके से इसे इस तरह से काट लीजिए । और कटे हुए पेपर के एक सिरे को पकड़कर इस तरह से रोल करते जाइए। जब पूरी तरह से पेपर रोल हो जाएगा तब उसे गम की सहायता से नीचे की और  चिपका दीजिए। हमारा रोज बनकर तैयार है। अब बारी आती है रोज की स्टीक बनाने की इसके लिये हम ग्रीन कलर का पेपर लेंगे और उसे एक सिरे से पकड़कर  रोल करते जाएंगे।और लास्ट में गम  की सहायता से चिपका देगे।अब इस स्टीक को गुलाब से इस तरह से चिपका दे।और दो पत्तियों के आकार में पेपर काट लेंगे और उन्हें भी रोज़ के नीचे चिपका देंगे। हमारा पेपर गुलाब बनकर तैयार है। आप चाहे तो रोज को इस तरह से पैक  करके रख सकते हैं । उम्मीद है आपको पसंद आया होगा।

How to make craft paper hanging lamp.

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दीपावली पर हम लोग हर साल डेकोरेशन के लिए बहुत पैसे खर्च करते हैं ।जैसे कि लंटन लाते हैं और भी बहुत सारे डेकोरेशन के सामान लाते हैं। तो कैसा रहे अगर हम खुद इसे बनाए। जिससे हमारा पैसा भी बचे और कुछ सीखने को भी मिले ।तो चलिए बनाते हैं हम लेंटर । इसके  लिए हमें चाहिए यह सबसे पहले हम अपनी पसंद का कलर पेपर लेकर उसे बराबर लंबाई मे मोड़ देगे। अब हर आधा सेंटीमीटर पर पेंसिल की मदद से निशान लगाइए।  अब निशान लगे हुए भाग को काटीये जैसा की फोटो मे  दिखाई दे रहा है। कटने के बाद यह कुछ ऐसा दिखाई देगा। आप आपकी पसंद के किसी भी  कलर पेपर को ले और उसके ऊपर पहले वाले पेपर को जिसे हमने पहले काटा था उसके पहली साईड पर चिपका दे।जैसा फोटो मे  दिखाई दे रहा है। आप दूसरी साइड को इस तरह से चिपका दीजिए जैसा की फोटो में दिखाई दे रहा है। आप बचे हुए भाग को कैंची की सहायता से काट लीजिए। एक्स्ट्रा पेपर काटने के बाद इसको रोल कर ले और इससे स्टेपलर की सहायता से स्टेपल करें। आपका हैंगिंग लैंप तैयार है।  इसे आप अपने तरीके से ड...

नयी बहू का स्वागत.

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                       मानो तो हम कुमकुम जैसे ।                        ना मानो तो राख से। आज हम बात कर रहे हैं नई बहू और उसके नए परिवार के बारे में। नई बहू से ससुराल वालों को बहुत सी उम्मीदें रहती है। होनी भी चाहिए आखिर वह उनके परिवार की बहू है ।लेकिन उसके लिए थोड़ा समय भी देना चाहिए। बहू से उम्मीद रखने से पहले हमें बहू की उम्मीद पर खरे उतरने का सोचना चाहिए। हमको यह समझना चाहिए कि वह नए माहौल में खुद को सेट कर रही है ।हो सकता है नए माहौल में थोड़ा घबरा रही हो ना कि यह ताना देना चाहिए कि मां ने  कुछ नही सिखाया। बेटी से बहू बनना इतना आसान नहीं होता यह तो आप सबको पता है। जहां एक तरफ बेटी की मां उसको सिखाती है तेरे सास-ससुर तेरे मम्मी-पापा हैं, देवर भाई जैसा है ,ननद बहन जैसी है ,वहीं दूसरी ओर ससुराल में क्या होता है यह नहीं आता, यह नहीं लाई, ऐसा नहीं किया जरा सोचिए ऐसा करना सही है???? ऊपर से ससुराल वालों को रिश्तेदार या पड़ोसी भड़कादे कि आपकी बहू आप को घर से ...

How to make 8 petal flower with craft paper.

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आज हम 8 पेटल फ्लावर बनाते है। इसके लिए हमें चाहिए ----  4 गोलाकार पेपर  फेविकोल  पेंसिल  स्टेपलर।                                                                 सबसे पहले जिस साइज का फ्लावर हमें बनाना है  उतने बडे 4 गोले पेंसिल की सहायता से बना ले। अब उन गोलो को हम काट लेंगे। अब इन चारों गोलाकार पेपरो को एक बार फोल्ड करें। एक बार फोल्ड करने पर यह कुछ ऐसे दिखाई देंगे । एक बार फोल्ड करने के बाद एक बार फिर से फोल्ड करें । जैसा की फोटो में दिखाई दे रहा है । अब फोल्ड किए हुए पेपर को एक बार ओपन करें । अब चारों पेपरो को  एक दूसरे के ऊपर रखे। और जहां से हमने दूसरी बार फोल्ड किया था उस निशान  पर स्टेपलर की सहायता से पिन लगा दे।अगर आप चाहे तो उसे भी चिपका सकती हैं । आप दो पत्तियों को एक साथ खोलने की कोशिश करें सारी पत्तियां खोल लेने के बाद उन्हें चिपका दे ।...

Decorative paper flower making

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 surprises  किसको पसंद नहीं होते है। किसी के birthday या   किसी खास दिन पर  अपनो को दिया जाए तो वह इंसान जिसके लिए यह सब करते हैं वह कितना खुश होता है। और जब बात सरप्राइस की आती है तो डेकोरेशन सबसे जरुरी होता है। और जब यह अपने हाथों से बनाया हो तो सोने पर सुहागा ।आपने सुना होगा नजर रिश्तो को भी लगती है प्यार परोस कर तो देखिए। और सरप्राइस देना और अपने हाथों से अपनो के लिए कुछ बनाना मेरा  प्यार परोसने का एक तरीका है। और अगर आप भी यह परोसना चाहते हैं तो देखें मैं आपको सरल फ्लावर बनाना बताती हूं। उम्मीद है आपको पसंद आएगा। और आप आपके बच्चों के बर्थडे पार्टी में यह जरूर ट्राई करेंगे ।आजकल की बिजी लाइफ में किसी के पास टाइम नहीं होता है तो इसीलिए यह  सरल फ्लावर आपके बहुत काम आएगा ।और आपके अपने खुश हो जाएंगे। तो आइए सीखते हैं इसके लिए सबसे पहले आपको चाहिए यह    सबसे पहले A4 साइज के कलर पेपर पर किसी भी आकार    के ढक्कन से गोले बना ले। और उसे कैची की सहायता से      काट लें जैसा कि फोटो में दिखाया गया है। सारे...

Khatti mitha bachpan ki yaadein.

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            "ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो,               भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी                मगर मुझको लौटा दो वो बचपन का सावन                वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी" यह ग़ज़ल तो सबने सुनी ही होगी ।  इसको सुनकर हर किसी को अपने बचपन की याद तो आ ही जाती है। और आए भी क्यों ना बचपन की खट्टी मीठी यादें किसको प्यारी नहीं लगती। जहा ना दुनियादारी की कोई चिंता, ना कामकाज करने का टेंशन।मस्ती, खेलना ,खाना बस यही जरूरी काम होते थे। तोता उड़ ,कौवा उड़ और गाय उड़। और यह तो याद ही होगा ना सभी को जब गाय उड़ाने पर उड़ाने वाले की जमकर पिटाई होती थी ।और राजा मंत्री चोर सिपाही  और ना जाने क्या-क्या उन सब खेलो का भी अपना ही एक मजा था। गर्मियों के दिनों में बर्फ के लड्डू खाना, मिट्टी से लड्डू बनाना, घर बनाना, वह सारे उल्टे काम करना जो मम्मी पापा को डांटने पर मजबूर करें। वह गली के नुक्कड़ वाली दुकान से चॉकलेट, सोन पापड़ी ,इमली ...

Bad effects of adult advertisement on kids

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आज कल हर घर में TV है ।आज का बच्चा बच्चा TV देखता है ।लेकिन मैं बात TV देखने की नहीं कर रही TV देखना कोई बुरी बात नहीं है अगर जरूरत से ज्यादा ना देखी जाए तो। यह तो मनोरंजन का साधन है ।लेकीन जो टीवी पर adult advertisement आते हैं उनका बच्चों के मन पर क्या असर होता है इस बात पर शायद आप लोगों ने भी सोचा होगा।  advertisement अपने  product को बेचने के लिए और अपने product की जानकारी दूसरों तक पहुंचाने के लिए  एक अच्छा  माध्यम है ।  advertisement पर पुरी तरह से रोक भी नही लगाई जा सकती लेकिन इस से संबंधित नियमों का पालन होना चाहिए। advertisement बनाते  समय यह ध्यान देना चाहिए की यह कानून ,नैतिकता ,सामाजिक मान्यता और धार्मिक संवेदनशीलता के विपरीत ना हो अपमानजनक ,अश्लील ना हो ।आजकल के बच्चे 90's के  बच्चों के जैसे नहीं है। जो देखते हैं उसके बारे में पूछते हैं । तो आप ही बताए जब बच्चे TV पर adult add देखते होंगे तो उनके दिमाग में क्या आता होगा ?बच्चे समय से पहले ही बड़े हो रहे हैं जो चीजें हम कॉलेज में आकर समझ रहे थे बच्चे कम  उम्र में समझ रहे है...

Dowry problem

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Kill the dowry system. Not the girl child.  एक बेटी के माता-पिता के ऊपर क्या गुजरती है इस बात का तो हम और आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते जब वह अपने नाजों से पली बेटियों को विदा करते है। कितना मुश्किल होता है अपनी छोटी सी बेटी को बड़ा करना और उसकी शादी करके किसी और के घर भेजना। इसके बावजूद लोग दहेज के लिए रोते रहते हैं जबकि मां बाप   तो अपनी सबसे अनमोल चीज अपनी बेटी ही उन्हें दे देते हैं। हम बहुत खुशकिस्मत हैं कि हम ऐसे परिवार का हिस्सा है जहां बहू को बेटी का दर्जा किया जाता है ।पर आज भी कई लोग ऐसे हैं जो बहुओं को परेशान करते हैं ,उनके मां बाप की insult करते हैं ।आज जमाना कहां से कहां पहुंच गया लेकिन आज भी कुछ लोगों की सूई दहेज पर आकर ही अटक जाती है ।आज भी कई हिस्सों में दहेज के नाम पर खूब पैसा लिया जाता है ।लड़का जितना पढ़ा लिखा होगा उसके लिए इतने ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे भले ही लड़की भी उतनी ही पढ़ी-लिखी क्यों ना   हो ।आज भी कुछ लोग लड़की वालों को झुकाने में यकीन रखते हैं ।यदि शादी में कम दहेज दिया हो या किसी और कारण से हंगामा करने से बाज नहीं आते इनमें से कुछ लोग ...