मां हैं तो सब कुछ है।

कल मदर्स डे है इसलिए आज की मेरी पोस्ट सारी मम्मीयो के नाम है ।वैसे तो मां के बारे में क्या लिखें लिखने को तो बहुत कुछ है लेकिन मां की ममता, अनकंडीशनल लव ,डेडिकेशन,सैक्रिफाइस इन सब के आगे तो शायद शब्द बने ही नहीं है। इसीलिए तो मां को शब्दों में बयां कर पाना बहुत मुश्किल है और लिखने बैठे तो एक बुक भी कम पड़ जाए।ये मम्मीया होती ही ऐसी है अपनी रातों की नींद दिन का चैन खत्म कर, अपने बच्चों को बड़ा करती है बच्चा बीमार हो तो ना दिन देखती है ना रात बस शुरू हो जाती है देखभाल करने। पता नहीं यह हुनर मा कहां से लाती है।ठीक से सो नहीं पाती लेकिन घर के किसी भी काम में कभी भी कमी नहीं रखती हर सदस्य का वैसे ही ध्यान रखती है जैसे हमेशा रखती आई है। यू ही नही नारी को त्याग की मूरत कहां गया है। कुछ माए तो जॉब करने के साथ-साथ घर के सारे काम और बच्चों दोनों को देखती है।इतना सब कैसे करती है इनके पास ना तो कोई अलादीन का चिराग होता है, ना ही कोई जीनी लेकिन फिर भी मां तो मां होती है ना जाने कितनी थकान के बाद भी यह अपने बच्चों के साथ खेलने का ,उन्हें पढ़ाने का ,और खाना खिलाने का समय भ...
👌👌😍😍😍 very nice.. Well done
ReplyDeleteThank you
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ReplyDeleteBilkul sahi baat👍👍
ReplyDeleteThank you
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