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Showing posts from April, 2018

मां हैं तो सब कुछ है।

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कल मदर्स डे है इसलिए आज की मेरी पोस्ट सारी मम्मीयो के नाम है ।वैसे तो मां के बारे में क्या लिखें  लिखने को तो बहुत कुछ है  लेकिन मां की ममता, अनकंडीशनल लव ,डेडिकेशन,सैक्रिफाइस इन सब के आगे तो शायद शब्द बने ही नहीं है। इसीलिए तो मां को शब्दों में बयां कर पाना बहुत मुश्किल है और लिखने बैठे तो एक बुक भी कम पड़ जाए।ये  मम्मीया होती ही ऐसी है अपनी रातों की नींद दिन का चैन खत्म कर, अपने बच्चों को बड़ा करती है बच्चा बीमार हो तो ना दिन देखती है ना रात बस शुरू हो जाती है देखभाल करने। पता नहीं यह हुनर मा कहां से लाती है।ठीक से सो नहीं पाती लेकिन घर के किसी भी काम में कभी भी कमी नहीं रखती हर सदस्य का वैसे ही ध्यान रखती है जैसे हमेशा रखती आई है। यू ही नही नारी को त्याग की मूरत कहां गया है। कुछ माए तो जॉब करने के साथ-साथ घर के सारे काम और बच्चों दोनों को देखती  है।इतना सब कैसे करती है इनके पास ना तो कोई अलादीन का चिराग होता है, ना ही कोई जीनी लेकिन फिर भी मां तो मां होती है ना जाने कितनी थकान के बाद भी यह अपने बच्चों के साथ खेलने का ,उन्हें पढ़ाने का ,और खाना खिलाने का समय भ...

Difference between old songs and new songs.

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आपने कई बड़े लोगों को कहते सुना होगा कि पुराने गानो की तुलना नए आज के जमाने के गाने नहीं कर सकते। आज के गानों में वह लिहाज , शर्म ,हया नहीं दिखाई देती। आजकल के गाने सुन कर तो कुछ  ऐसा ही लगता है  जैसे कि वो लोग गलत नहीं थे।कुछ हद तक वह सही थे। बात सभी गानों की नहीं हो रही है आज भी लाखों गाने ऐसे हैं जो कि लोगों के दिलों पर राज करते हैं लोगों के दिलों को छू रहे हैं।लेकिन आज रीमिक्स के दौर में लिरिक्स राइटर भी ऐसे गाने लिखते हैं कि बता नहीं सकते। ये जो रैपर होते है इन लोगो ने तो अपने गानो में दारू, व्हिस्की और न जाने क्या क्या लिखने का ट्रेंड बना लिया है । ऐसा लगता है मानो सब में होड़ लगी हो कि कौन अपने गाने में सबसे ज्यादा दारू व्हिस्की और  गंदे वर्ड्स ऐड करता है । हद तो तब हो गई जब इस होड़ मे बच्चों की लोरी भी पीछे नहीं रही।अभी कुछ दिनों पहले एक गाना आया है आपने सुना होगा "लल्ला लल्ला लोरी दारू की कटोरी" लाला लाला लाला लोरीओ  केंदी मम्मी शाम को जल्दी आजा ना  रोटी-शॉटी खा के सो जाना  नींद नहीं आये तो सुन ले  लल्ला लल्ला लोरी  अब मैं छोट...

Step by step paper rose making.

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आज हम कागज का गुलाब बना रहे हैं।  इसके लिए हमें चाहिए----  दो कलर क्राफ्ट पेपर  पेंसिल  कैंची  गम  सबसे पहले हम रेड कलर के क्राफ्ट पेपर पर जैसा की फोटो   में दिखाया गया है इस तरह से गोले बना लेंगे।  फोटो में दिखाए गए तरीके से इसे इस तरह से काट लीजिए । और कटे हुए पेपर के एक सिरे को पकड़कर इस तरह से रोल करते जाइए। जब पूरी तरह से पेपर रोल हो जाएगा तब उसे गम की सहायता से नीचे की और  चिपका दीजिए। हमारा रोज बनकर तैयार है। अब बारी आती है रोज की स्टीक बनाने की इसके लिये हम ग्रीन कलर का पेपर लेंगे और उसे एक सिरे से पकड़कर  रोल करते जाएंगे।और लास्ट में गम  की सहायता से चिपका देगे।अब इस स्टीक को गुलाब से इस तरह से चिपका दे।और दो पत्तियों के आकार में पेपर काट लेंगे और उन्हें भी रोज़ के नीचे चिपका देंगे। हमारा पेपर गुलाब बनकर तैयार है। आप चाहे तो रोज को इस तरह से पैक  करके रख सकते हैं । उम्मीद है आपको पसंद आया होगा।

How to make craft paper hanging lamp.

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दीपावली पर हम लोग हर साल डेकोरेशन के लिए बहुत पैसे खर्च करते हैं ।जैसे कि लंटन लाते हैं और भी बहुत सारे डेकोरेशन के सामान लाते हैं। तो कैसा रहे अगर हम खुद इसे बनाए। जिससे हमारा पैसा भी बचे और कुछ सीखने को भी मिले ।तो चलिए बनाते हैं हम लेंटर । इसके  लिए हमें चाहिए यह सबसे पहले हम अपनी पसंद का कलर पेपर लेकर उसे बराबर लंबाई मे मोड़ देगे। अब हर आधा सेंटीमीटर पर पेंसिल की मदद से निशान लगाइए।  अब निशान लगे हुए भाग को काटीये जैसा की फोटो मे  दिखाई दे रहा है। कटने के बाद यह कुछ ऐसा दिखाई देगा। आप आपकी पसंद के किसी भी  कलर पेपर को ले और उसके ऊपर पहले वाले पेपर को जिसे हमने पहले काटा था उसके पहली साईड पर चिपका दे।जैसा फोटो मे  दिखाई दे रहा है। आप दूसरी साइड को इस तरह से चिपका दीजिए जैसा की फोटो में दिखाई दे रहा है। आप बचे हुए भाग को कैंची की सहायता से काट लीजिए। एक्स्ट्रा पेपर काटने के बाद इसको रोल कर ले और इससे स्टेपलर की सहायता से स्टेपल करें। आपका हैंगिंग लैंप तैयार है।  इसे आप अपने तरीके से ड...